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Wednesday, October 27, 2010

naya muhavara.....

प्रचलन के संचालन में नए सारथी लगे हुए हैं ....
यात्री जो भोले भले हैं एक कोने में टंगे हुए हैं ....
नया मुहवरा  ढूँढ़ ढूँढ़ कर मंजिल जब पाने वाला हूँ
चिंतन के चौराहे पर  जाम के अंदर फसे हुए हैं.

Tuesday, October 26, 2010

SATRKTA SPTAH....

केंद्रीय कार्यालयों में दिनांक २५-१०-१० से १-११-२०१० तक  भ्रष्टाचार निरोधक सप्ताह मनाया जा रहा   है . सभी अधिकारीयों एवं कर्मचारियों को रिस्बत न लेने के लिए शपथ दिलाई गई . इशी नाटक पर प्रस्तुत है एक भ्रष्ट टिपण्णी .....
                        जब शपथ दिलाई जा रही थी ....
                        हमे झूट मूठ की बातें बताई जा रही थी
                        केंद्रीय परिपत्र सुनाया जा रहा था
                        यानि की हमे भूला पाठ पद्य जा रहा था .
                       हमे अचानक ही याद आने लगी सब्जीमंडी ....
                       वही पर मिले थे अपने  " कल्मांडी "
                       क्रत्रिम रसायनों से बनी लौकियाँ बीच रहे थे ....
                       शीलाएं, गिल और रेड्डी भी उन्नेह देख रहे थे ----
                      मैने पूछा....रस्त्र्मंडल से क्या अभी थके नहीं हो. ...
                      क्या अभी किसी पड़ाव पर रुके नहीं हो...
                       रुकने वाले मुर्ख होते है..
                      हम तो देश के खातिर बहुत कुछ धोते   हैं ..
                      मावा,,ढूध  घी  के धंधे में बहुत से अपने ही बन्दों को लगाया है...
                      टूट्ठी सडको का  यह स्वरूप हमारे ही लोगो ने बनाया है..
                       हम सच्चे रास्त्र सेवक हैं....
                        अपनी पहचान खुद बनाते हैं...
                        दूसरों को  इसके लिये बिलकुल नहीं सताते हैं.
                      मुझे लगा इस सप्ताह का स्वरूप साकार हो गया.
                              भ्रस्ताचार पर कल्मंदियों का भरमार हो गया.,

Wednesday, October 13, 2010

apne gaon ka chunav.....

एक बदले हुए अन्तराल पर
माने देखा अपने गाँव की चुनाव पूर्व हलचल
यहाँ पर पहले से अधिक हो गई है
ठर्रे की खपत
नार्तिकियाँ भी अलग अलग खेमो में
जन सेवा के लिए बुलाई  जाती    है ....
बुधिया ,नत्था ,गोबरे के लिए
रात को अब महफिल सजाई  जाती है.
हमारे गाँव का सोनेलाल कल पीकर तुन था
उसने कल ही कहा था
की ओबामा से कह दो 
कल यहाँ का चुनाव देखने आ जाएँ ..
ताकि यहाँ से कुछ सीख कर जाये ....
प्रत्याशी गन एक से बढकर चाले चल रहे हैं
नई महाभारत का एक नया इसलोक लिख रहे हैं.
कोन से प्रधान की पत्नी किसकी रखैल है
किसकी किस डकैत से पेलाम्पैल  है..
पुलिश का कोन कितना दलाल है
थाने पर कोन कितना मचाता बवाल है.
पंचायत चुनाव इसकी  अनूठी मिशल है.

Tuesday, October 12, 2010

ek roop.

कौन सा मै रूप देखूं  कौन से तन को निहारूं ,
कौन छबि अन्तश मे भर लूं कौन  अन्तश से बहारू ?
एक मन को मोहती है एक लोचन नीर बहती ,
एक के कुछ अधर बोलें एक है चितवन से कहती
कौन सा प्रतिबिम्ब उसका ह्रदय के पट पर संवारूं ?
मालिनी वह वाटिका की सुमन हैं उसकी धरोहर
कमलिनी को संग लेकर है प्रवाहित यह सरोवर .
कलश युग्मो  मे सुनहरे दीप ज्योतिर्मय हुए  है
भावना की बेल में कुछ पुष्प अब विकसित हुए हैं.
प्रेम या अनहद की आँखों से उसे कैसे निहारूं

Monday, October 11, 2010

vaani hrday se hai tair lagaati...

शक्ति स्वरूपा हो करुणामयी तुम ,
न्याय का पन्थ सदा दिखलाती .
भक्ति की सरिता प्रवाह मयी तुम,
नाव को संत की पार लगाती.
दीन न हीन कभी रह पाता,
वाणी ह्रदय जब  टेर  लगाती.

Sunday, October 3, 2010

Ayodhya ........Nyay palika abhinandan.

न्याय पालिका का अभिनंदन तीनों न्याय मूर्तियाँ बंदन
लोकतंत्र भारत का जन गन तेरा  भी शत शत अभिनन्दन .
राम रहीम के तुम हो बंसज गंगा यमुना की धारा हो
सम्प्रदाय की पशुता का नही बन  सके  तुम  चारा  हो .
दे उदारता का हम परिचय आपस में  समझौता कर लें.
कठिन नही कुछ भी होने को यधि अंदर से इच्छा कर लें
नेताओं को दूर ही रक्खो चाहे किसी पार्टी का हो
सांप का बंसज इसको समझो चाहे किसी पार्टी का  हो .
यह विवाद अब मिट जायेगा होगा सुखद सवेरा सुन्दर.
राम रहीम का भेद मिटेगा आता स्वर्ण विचार है अन्दर.
शुभ कामनाए .
विष्णुकांत.