सुनने को तो बहुत यहाँ है पर थोडा कहना होगा.
इन कोरी बातों से आगे सबको कुछ करना होगा..
अत्याचारी के आलोचक बन क्या सब कुछ हम पा लेंगे
दीन हीन बनकर केवल हम क्या भारत को बचा लेंगे
सत्य क्रांति के पथ पर चलकर निर्विकार हो बढे चलें
आस्तीन को रहो सम्भाले कहीं न इनमे सर्प पले.
हम तुम इनका भेद छोडिये आपस मे सब एक रहें
स्वतंत्रता का नवीकरण हो भ्रटाचार से दूर रहें
अत्याचार जो हम पर अपने ही गद्दार कर रहे
उन सारे ही गद्दारों KO फिर से पाठ PADHANA होगा
इन पागल कुत्तो को देश निकला देना होगा