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Friday, January 18, 2013

चलूँ निरंतर मिलूँ सभी से, यह मेरी अभिलाषा है . मानवता की नित सेवा में, साथ मिले यह आशा है। स्वयम कर सकूं यदि कुछ सेवा वंचित और अपंगो की, तो मेरे इस मानव तन की पूर्ण बने परिभाषा है .। आओ कुछ आहुतियाँ डालो विकलांगों के साथी बन , 'विकलांग साथी" ट्रस्ट हमारा यही प्रार्थना करता है । नहीं चाहिए अर्थ हमे कुछ ,भावों से सहयोग करो, विकलांगो को दिशा दीजिये यही याचना करता है ।

Thursday, January 17, 2013

एक चुनौती : बाधाओं से कहो हमारे पथ में आयें , हम जिन्दा दिल हैं हमे जीना आता है . हों प्रयाण में तत्पर जो पथ पग मेरे चलते चलते कब उनको रुकना आता है . सच है बैसाखी संग चलना नियति है मेरी पर अवरोधों से न रुकना भाता है