jo bhi kuch likhta hoon ' ushey samarpit karta hoon. apna bhi mantabya likhen kuch yehi prarthna karta hoon.
Wednesday, January 18, 2012
JA YAAD TUMAHREE AATEE HAI
जब याद किसी की आती है
उस अतीत की सिहरन बन मन के अंदर छा जाती है .
जब कल रातों मे इस बिटिया की शादी के नेह निमंत्रण लिखता था
तब न जाने कब कहाँ से तुम सपनों में आ जाती हो
फिर से तुन नाम बताती हो किसे निमंत्रण देना है ..
त्रुतिओं में आकर तुम सुधर करवाती हो ..
कितने बह्ड़ोर कितना बयना और किया तयारी क्या ..
यह सब तुम पूछा करती हो
वह स्वर्ग से आकर भी मुझमे उर्जा भर जाती हो ..
जब याद किसी की आती है ..
Friday, January 6, 2012
संवाद नहीं , अंदाज नहीं ,जन मन गण की कोई बात नही !
फिर कैसे कह दूँ मै तुमसे हम तेरे गाँव का नेता हूँ ?
तुम जब ठिठुरन में ठिठुर रहे हम अंदर ब्लोवर ताप रहे ,
जब तुम हो चाय को तरस रहे हम तब व्हिस्की से खेल रहे.
तुम को तो एक निवाला भी आकाश कुसुम सा लगता है .
हम पांच सितारा होटल मे नंगी लड़की संग नाच रहे.
पहचान नहीं क्या तुम पाए हम तो भाग्य विधाता हैं
या तुम इतना ही समझो हम भारत वर्ष के नेता हैं.
Thursday, January 5, 2012
हम सब कितने लगे बेचारे.:-
उनको देखा इनको देखा थाली के बैगन से दिखते ,
कभी इधर हैं कभी उधर है सभी तरफ हैं जाते रहते .
मौसम बदला पाला बदला मुहं में नया निवाला बदला '
सब कुछ बदला लेकिन उनमे दुष्कर्मों का ढंग न बदला .
जिसको वह कल काला कहकर पानी पी पी कोष रहे थे ,
आज उसी से गले वह मिलकर बहियाँ डाले खील रहे थे .
राजनीत के चौराहे पर मित्रों सब कुछ हो जाता संभव
स्वार्थ और विजयी होने में सिधोनों की बात असंभव
Tuesday, January 3, 2012
आज वह देखते ही देखते दौडने लगी है.
बहारों के सपने बुनने लगी है
भावनाओं का अम्बार मेरे शब्दों को
विह्वल कर रहा है..
ममता के आंसुओं से दिल आज न जाने क्यों
भावुक हो रहा है ..
ऐसा नहीं है की मई केवल उसका पिता हूँ
बहुत दिनों से उसकी माँ भी बनने का प्रयास करता रहा हूँ ...
पर नहीं दे सका उस माँ की सांत्वना ...
उत्साह...
ममता...
आज उसी बिटिया का
मुझ माँ और बाप का समेकित दुलार
उसको यही है मेरा उसके जन्म दिन पर उपहार.
मेरे ह्रदय से अस्पन्दन की धडकनों का
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