माँ भारती के पुष्प हैं हम कभी बिखरे नही,
राम हो रहमान हो इन्सान ही होना सही
कितना कठिन हो फैसला मन्दिर या मस्जिद के लिए
भाई से पर भाई को बाँटना हमको नही .
कल अयोध्या पर फैश्ला आ रहा है ..... हमे अपनी न्याय पालिका पर पूरा यकीं करना चाहिए.यदि कही कुछ आपके मन का नहीं है तो आप न्यायिक रास्ता ही अपनायें----- किसी भी प्रकार से किसी को उत्तेजना या गलत रास्ता न तो अपनाएं और न ही उस पर चलने की अनुमति डे
जय हिंद.
jo bhi kuch likhta hoon ' ushey samarpit karta hoon. apna bhi mantabya likhen kuch yehi prarthna karta hoon.
Wednesday, September 29, 2010
Wednesday, September 22, 2010
kaise kuch bhi likh paunga.
भावों के कोरे कागज पर क्या कुछ मैं लिख कर दे पाउँगा.
अन्तश की यह विरह वेदना क्या तुमसे प्रिय कह पाउँगा ..
जब जब कुछ कहना चाहा है अधर बीच में रुक जाते हैं
आँखों की बहती धारा में स्वप्न सुनहरे आ जाते हैं.
कितना कठिन ब्यक्त कुछ करना अपने सच्चे उद्गारो को.
चाह चाह कर छिपा न paauun अंदर की इन मनुहार्रों को
छावों की इस बगिया में क्या दो पल में रुक पाउँगा .
भावों ..............
अन्तश की यह विरह वेदना क्या तुमसे प्रिय कह पाउँगा ..
जब जब कुछ कहना चाहा है अधर बीच में रुक जाते हैं
आँखों की बहती धारा में स्वप्न सुनहरे आ जाते हैं.
कितना कठिन ब्यक्त कुछ करना अपने सच्चे उद्गारो को.
चाह चाह कर छिपा न paauun अंदर की इन मनुहार्रों को
छावों की इस बगिया में क्या दो पल में रुक पाउँगा .
भावों ..............
Thursday, September 16, 2010
aao hm sb saath raheyn....
राम ने कहा था कभी --
बानर या मनुज सभी
न्याय हेतु लड़ो किन्तु
प्रेम को न भूलो अभी .......
शांति और प्रेम में
अकूत शक्ति है छिपी...
गाँधी ने भी यही शस्त्र
अहिन्षा के साथ लिया
शांति शौहद्र को ही साथ ले
मानव को इसी का अनूठा मंत्र दिया...
नये तूफ़ान का डर जो आज सता रहा.
सहन सकती सह अस्तित्व को न भूलू कभी..
शंकट की घडी में रास्ता यही बता रहा.
बानर या मनुज सभी
न्याय हेतु लड़ो किन्तु
प्रेम को न भूलो अभी .......
शांति और प्रेम में
अकूत शक्ति है छिपी...
गाँधी ने भी यही शस्त्र
अहिन्षा के साथ लिया
शांति शौहद्र को ही साथ ले
मानव को इसी का अनूठा मंत्र दिया...
नये तूफ़ान का डर जो आज सता रहा.
सहन सकती सह अस्तित्व को न भूलू कभी..
शंकट की घडी में रास्ता यही बता रहा.
Wednesday, September 15, 2010
shok sndesh.
अत्यंत दुःख के साथ कहना है की तिवारी जी आज दिनांक १५-०९-२०१० को पञ्च तत्त्व में लीं हो गए . आज उनोहने अपरान्ह १२ बजे अपनी अंतिम सास ली . उनकी आत्मा को सन्ति मेले.
ॐ शांति शांति शांति..
ॐ शांति शांति शांति..
Tuesday, September 14, 2010
aao mhimamai kalivinod ke liye kuch karen......
आई बी एन ७ द्वारा प्रायोजित उस वक्तित्व को आपने जरूर देखा होगा जिसे आमिर खान के कर कमलों द्वारा इंडियन आएदिअल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.. आपने जरूर देखा होगा उस विक्लोंग कलिविनोद को जिसे भूतपूर्व रास्त्रपति ज्ञानी जेल सिंह के कर कमलों द्वार विक्लोंग रत्न से विभूषित किया गया था... यह सम्मान तथा और न जाने कितने सम्मान पाने वाली इस महान विभूति ने विक्लोंग जानो के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया उनके लिए समाज मे इन्होने ब्यापक संघर्स किया उनकी अवरुद्ध जीवन को स्वयं इंजन चालित वहन बनाकर एक गति प्रदान की ...... ....आज वही तिवारी संज्ञा शुन्य , इलाज के लिए भगवान की ऑर निर्निमेष आंखे तक रहा है. इलाज के लिए पैसे नहीं है....दोनों किडनी खराब हो चुकी है ...६ लाख रुपए खर्च हो चुके है. सेप्टिक होने से एक पैर कटा जा चूका है. ..... तिवारी की पत्नी श्रीमती रमा तिवारी पूर्ण समर्पण से उनकी आखिरी साँस तक इलाज में लगी है... उनके एक लड़की तथा दोनों लडके उस दिन खून के प्रबंध में लगे थे कही खून भी सुलभता से नहीं मिल रहा था. .......चलते चलते अपने पाठको को ये भी बताते चलूँ की उनकी एक लड़की एवं एक लड़का भी अपनी किसोरावाथ में ही अपपनी विक्लोंग जनों के सेवा में न केवल समर्पित है अपितु दोनों लडको को उनकी अभूपुर्व सेवा के लिए रास्त्रपति पुरस्कार मिल चूका है. एक लड़की को इंटेल पुरस्कार से सम्मानीटी किया गया...वह कानपूर में तुलसी होपितल के आई सी यु में वेंतिलाटर पर भर्ती है..... आएये हम सब उनके जीवन के लिए प्रार्थना करे..
प्रभु कुछ करो मिटा दो उसके जीवन का संताप
सेवा पुण्य किया निरंतर किया कभी न कोई पाप
कष्ट उसे क्यों है अब इतना जिसने सबका कष्ट मिटाया
जिसने सबके आंसू पोचे उस परिवार को क्यों है रुलाया.
ॐ शांति शांति शांति........
प्रभु कुछ करो मिटा दो उसके जीवन का संताप
सेवा पुण्य किया निरंतर किया कभी न कोई पाप
कष्ट उसे क्यों है अब इतना जिसने सबका कष्ट मिटाया
जिसने सबके आंसू पोचे उस परिवार को क्यों है रुलाया.
ॐ शांति शांति शांति........
hindi divas.
पावन हिंदी के सागर में ,हैं अमूल्य रत्नों की कड़ियाँ .
कबीरा तुलसी रसखान सूर बुन लो चाहे जितनी लड़ियाँ ..
भक्ति काल से लेकर अबतक हिंदी प्रवाह रस घोल रहा
अपनों से अपनी भासा में म्रदुता वाणी मन तौल रहा .
फिल्में हो या फिर कम्पूटर विश्व में हिंदी छाई है
नई उमंगो संग अपनी हिंदी दुनिया में आई है.
कीर्तिमान हिंदी के अब नई पताका बन फहरे
भाव भूमि की धरती पर उसके प्रभाव हों अति गहरे ...........
आओं आज हम संकल्प ले की हिंदी को अंग्रेगी का विकल्प बनायें. हिंदी दिवस पर हमारी सभी पथोको को हार्दिक शुबकामनाएं.
विष्णु कान्त मिश्र
कबीरा तुलसी रसखान सूर बुन लो चाहे जितनी लड़ियाँ ..
भक्ति काल से लेकर अबतक हिंदी प्रवाह रस घोल रहा
अपनों से अपनी भासा में म्रदुता वाणी मन तौल रहा .
फिल्में हो या फिर कम्पूटर विश्व में हिंदी छाई है
नई उमंगो संग अपनी हिंदी दुनिया में आई है.
कीर्तिमान हिंदी के अब नई पताका बन फहरे
भाव भूमि की धरती पर उसके प्रभाव हों अति गहरे ...........
आओं आज हम संकल्प ले की हिंदी को अंग्रेगी का विकल्प बनायें. हिंदी दिवस पर हमारी सभी पथोको को हार्दिक शुबकामनाएं.
विष्णु कान्त मिश्र
Thursday, September 9, 2010
AN HUMBLE REQUEST...
ALL OF OUR READER ARE REQUESTED TO KINDLY BE MY FOLLOWER SO THAT I MAY GOT YOUR KIND MOTIVATION .... TO SERVE THE NATION AS WELL AS SOCIETY . I HOPE THAT MY LEARNED READERS WILL BE KIND ENOUGH TO CONSIDER MY REQUEST. THANKS.
भाव सुमन जो भी अर्पित हैं यह सब केवल तुम्हे समर्पित .
प्रतिक्रियाएं यदि कुछ मिलती उनको पढ़कर होता गर्वित.
मत सम्मति से कुछ सिखकर थोडा सा परिमार्जन करता
मूल्यवान भावो को पाकर अपने मन की गागर भरता...
करे अनुसरण अस्पंदन का भाव भरी मनुहार कर रहा ,
अभिनन्दन वंदन अर्चन यह तोतली वाणी से दे रहा ........
LOT OF THANKS. .......JAI HIND.
भाव सुमन जो भी अर्पित हैं यह सब केवल तुम्हे समर्पित .
प्रतिक्रियाएं यदि कुछ मिलती उनको पढ़कर होता गर्वित.
मत सम्मति से कुछ सिखकर थोडा सा परिमार्जन करता
मूल्यवान भावो को पाकर अपने मन की गागर भरता...
करे अनुसरण अस्पंदन का भाव भरी मनुहार कर रहा ,
अभिनन्दन वंदन अर्चन यह तोतली वाणी से दे रहा ........
LOT OF THANKS. .......JAI HIND.
Tuesday, September 7, 2010
abhibyakti
कौन सुर संतोष देंगे कौन अन्त्श्वेदना .
कौन सा सम्वाद भर देगा ह्रदय मे चेतना.
कब तलक हम शब्द लेंगे दूसरो से उधार,
क्यों न कह दे तुम्ही से आज अपनी वेदना.
तुम यहाँ से मेरे मन की बात सुन सकती तो हो
कौन क्या कहता उसे तुम भूल सकती तो हो.
कब तलक हम दूर से ही मौन कुछ कहते रहेंगे
चिर दूरियों से ही सही तुम तो बुला सकती तो हो .
कौन सा सम्वाद भर देगा ह्रदय मे चेतना.
कब तलक हम शब्द लेंगे दूसरो से उधार,
क्यों न कह दे तुम्ही से आज अपनी वेदना.
तुम यहाँ से मेरे मन की बात सुन सकती तो हो
कौन क्या कहता उसे तुम भूल सकती तो हो.
कब तलक हम दूर से ही मौन कुछ कहते रहेंगे
चिर दूरियों से ही सही तुम तो बुला सकती तो हो .
Saturday, September 4, 2010
sikchak diwas ..aapki pustak ka vimochan aur mera janm diwas.....
I would like to make my salute to my all the teachers ...who had made their holy efforts to make me a man of dedication ... to wards litrature , towards devloping my natinal sprit as well as senstivness towards the humen beings. On the eve of teacher'day I have best wishes to them . Today I have tried my best to seek blessing of my lovely respected teacher Dr. Arun trivedi ji but unfortnately i could not succeed. Probably it has been informed that he is undertreatme and sick . I prey to God to bless him for a long life . he is poet .. he is very good human being... he is always dedicated to welfare of student. LaST YEAR HE HAD presided VIMOCHAN SAMAROH.. OF MY BOOK .......ANJURI BHAR ASPANDAN.. LAST YEAR ON 5 TH SEP..2009.
ON this occasion I would like to remember late Dr. G.D. Sarswat... who was my guru during my graduation and post graduation ... he had also written .SAMMICHHA OF SAID BOOK ANJURI BHAR ASPANDAN. He is no more....but I always felt his presence in my mind.
Fortunately ...today is my birthday.....I take a resolution to adopt the service of Hindi litrature as well as poor and handicapped people. because my self is also physically handicapped.
गुरु हमारे पथ प्रकाश ज्योति किरण तम राहों पर
परम वेदना दूर करे जो मरहम हैं हर घावों पर.
HAPPY TEACHERS DAY.
VK.
ON this occasion I would like to remember late Dr. G.D. Sarswat... who was my guru during my graduation and post graduation ... he had also written .SAMMICHHA OF SAID BOOK ANJURI BHAR ASPANDAN. He is no more....but I always felt his presence in my mind.
Fortunately ...today is my birthday.....I take a resolution to adopt the service of Hindi litrature as well as poor and handicapped people. because my self is also physically handicapped.
गुरु हमारे पथ प्रकाश ज्योति किरण तम राहों पर
परम वेदना दूर करे जो मरहम हैं हर घावों पर.
HAPPY TEACHERS DAY.
VK.
Friday, September 3, 2010
anjuri bhar aspndan ki vars ghanth
अंतस्थल का संवेदन
परमात्मा का थोडा अर्चन
शुभता का जिसमे है वंदन
भारत का उसमे अभिनन्दन
निजता का विलाप क्रन्दन
एक वर्स क हुआ आज
अपना '' अंजुरी iभर अस्पन्दन
सुधि पाठको तथा प्रिय जनों को बहुत बहुत धन्यवाद.... हमारी , यांनी आपकी इस किताब का विमोचन विगत वर्स ५ सितम्बर २००९ को किया गया था. तबसे १०० प्रतियाँ का बिकना तथा २० पुस्तकालयों द्वारा इसकी मांग आपके आशीष एवं स्नेह का ही प्रतीक है
vishnu
परमात्मा का थोडा अर्चन
शुभता का जिसमे है वंदन
भारत का उसमे अभिनन्दन
निजता का विलाप क्रन्दन
एक वर्स क हुआ आज
अपना '' अंजुरी iभर अस्पन्दन
सुधि पाठको तथा प्रिय जनों को बहुत बहुत धन्यवाद.... हमारी , यांनी आपकी इस किताब का विमोचन विगत वर्स ५ सितम्बर २००९ को किया गया था. तबसे १०० प्रतियाँ का बिकना तथा २० पुस्तकालयों द्वारा इसकी मांग आपके आशीष एवं स्नेह का ही प्रतीक है
vishnu
Thursday, September 2, 2010
karmyogi krishn
युग पुरुष कहूँ तुमको
या कर्मयोगी ......
अथवा कहू अंत में भगवान
तुमने नैरास्य मे आशा की एक किरण दिखाई
अर्जुन को ....
द्रौपदी की लाज बचाई
सारथि बन तुमने
रथ की अश्वा वल्गाओं को थमा
अन्याय के शमन के लिए .....
प्रेम की पवित्रता
विरह का उत्सर्ग
राधा के नाम के साथ रहा है तुमसे ऊपर
बाबजूद सभी कुछ के
एक इसी कारन से मै
कर्म पुरुष को
इस्वर मानने को तैयार नहीं.
या कर्मयोगी ......
अथवा कहू अंत में भगवान
तुमने नैरास्य मे आशा की एक किरण दिखाई
अर्जुन को ....
द्रौपदी की लाज बचाई
सारथि बन तुमने
रथ की अश्वा वल्गाओं को थमा
अन्याय के शमन के लिए .....
प्रेम की पवित्रता
विरह का उत्सर्ग
राधा के नाम के साथ रहा है तुमसे ऊपर
बाबजूद सभी कुछ के
एक इसी कारन से मै
कर्म पुरुष को
इस्वर मानने को तैयार नहीं.
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