Aspandan
jo bhi kuch likhta hoon ' ushey samarpit karta hoon. apna bhi mantabya likhen kuch yehi prarthna karta hoon.
Friday, January 18, 2013
चलूँ निरंतर मिलूँ सभी से, यह मेरी अभिलाषा है .
मानवता की नित सेवा में, साथ मिले यह आशा है।
स्वयम कर सकूं यदि कुछ सेवा वंचित और अपंगो की,
तो मेरे इस मानव तन की पूर्ण बने परिभाषा है .।
आओ कुछ आहुतियाँ डालो विकलांगों के साथी बन ,
'विकलांग साथी" ट्रस्ट हमारा यही प्रार्थना करता है ।
नहीं चाहिए अर्थ हमे कुछ ,भावों से सहयोग करो,
विकलांगो को दिशा दीजिये यही याचना करता है ।
Thursday, January 17, 2013
Thursday, December 27, 2012
Tuesday, August 28, 2012
Tuesday, April 3, 2012
naye sitare tum jad do ..
भाव भूमि की इस गागर में मानव प्रेम का रस तुम भर दो ,
कर्म छेत्र की इस धरती पर कुछ नव ह्स्ताक्च्र्र कर दो .
कितना पाया कितना खोया इससे अब ऊपर उठ जावो
भारत माता के आंचल मे नये सितारे अब तुम जड़ दो
Monday, April 2, 2012
jhanda kaise fahrayega.
माली जब पौध लगाता है अन्त्श्मन सुख वह पाता है
जब पौध को कोई नस्ट करे तब उसके मन पर क्या होगा..
उस किशान की पीड़ा को कैसे कोई सह पाता है
भवन बने उन खेतों पर तब उसके मन पर क्या होगा.
बुनकर के ताने बाने में जब कोई आग लगाएगा
फकरुद्दीन जुलाहे के घर में कोहराम मचा होगा .
इन तीनो क्रांति जनों को जब यह तमस घिरा घर दिखता है
तब भारत जन गन मन का यह कैसे झंडा लहराएगा .
Friday, March 30, 2012
kb
लघु तारों के नभ मंडल में रश्मि चन्द्रिका कब आयेगी ,
भावों के इस मरू अस्थल पर शीतल छाया कब छायेगी
तृषित अधर अब सूख गए हैं बूँद बूँद पानी के खातिर
मेघ घटा धरती पर आकर अमृत रस कब बरसायेगी
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