jo bhi kuch likhta hoon ' ushey samarpit karta hoon. apna bhi mantabya likhen kuch yehi prarthna karta hoon.
Friday, December 17, 2010
ab tk aaj 10-30 am
स....... आज भी रोज की तरह उठा हूँ ...थोडा अलसाया था..आज ब्यायाम कुछ ज्यादा ही किया है ...नहाने धोनी के बाद रोज की ही तरह पूजा कर भगवान को याद करने का ढोंग किया है . ढोंग ही कह सकते हैं क्योकि मन तो असांत रहता है . मेरा नौकर गैस लेने गया है भूखा तो नहीं कह सकता परन्तु एक कप चाय से पेट के अंदर कूदते चूहे मानने वाले नहीं हैं. बेटी कालेज जा चुकी है. ------बस बेटा ब्लॉग लिखते रहो...मेरी पत्नी जब जीवित थी तब कहा करती थी की मेरे न होने पर पता चलेगा.. सही था..विकल्प खोजने में परिवार की इतनी वर्जनाएं हैं की उसे अमली जमा पहनने में बहुत झंझट हैं
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