मनमोहन जी या श्री कृष्णा
दोनों ही अनुपम हैं या कहे कि दोनों अतिभ्रम हैं.
एक कथित इमानदार और दूजे हैं प्रिय उनके.
एक को है कुछ नही पता निज मंत्रीगन के कदाचार
दूजे को यू ० यन० में भासन लगता दूजे का सदाचार.
वाह वाह भारत सरकार !
दोनों ही अनुपम हैं या कहे कि दोनों अतिभ्रम हैं.
एक कथित इमानदार और दूजे हैं प्रिय उनके.
एक को है कुछ नही पता निज मंत्रीगन के कदाचार
दूजे को यू ० यन० में भासन लगता दूजे का सदाचार.
वाह वाह भारत सरकार !
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