अंतस्थल का संवेदन
परमात्मा का थोडा अर्चन
शुभता का जिसमे है वंदन
भारत का उसमे अभिनन्दन
निजता का विलाप क्रन्दन
एक वर्स क हुआ आज
अपना '' अंजुरी iभर अस्पन्दन
सुधि पाठको तथा प्रिय जनों को बहुत बहुत धन्यवाद.... हमारी , यांनी आपकी इस किताब का विमोचन विगत वर्स ५ सितम्बर २००९ को किया गया था. तबसे १०० प्रतियाँ का बिकना तथा २० पुस्तकालयों द्वारा इसकी मांग आपके आशीष एवं स्नेह का ही प्रतीक है
vishnu
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