एक बदले हुए अन्तराल पर
माने देखा अपने गाँव की चुनाव पूर्व हलचल
यहाँ पर पहले से अधिक हो गई है
ठर्रे की खपत
नार्तिकियाँ भी अलग अलग खेमो में
जन सेवा के लिए बुलाई जाती है ....
बुधिया ,नत्था ,गोबरे के लिए
रात को अब महफिल सजाई जाती है.
हमारे गाँव का सोनेलाल कल पीकर तुन था
उसने कल ही कहा था
की ओबामा से कह दो
कल यहाँ का चुनाव देखने आ जाएँ ..
ताकि यहाँ से कुछ सीख कर जाये ....
प्रत्याशी गन एक से बढकर चाले चल रहे हैं
नई महाभारत का एक नया इसलोक लिख रहे हैं.
कोन से प्रधान की पत्नी किसकी रखैल है
किसकी किस डकैत से पेलाम्पैल है..
पुलिश का कोन कितना दलाल है
थाने पर कोन कितना मचाता बवाल है.
पंचायत चुनाव इसकी अनूठी मिशल है.
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