न्याय पालिका का अभिनंदन तीनों न्याय मूर्तियाँ बंदन
लोकतंत्र भारत का जन गन तेरा भी शत शत अभिनन्दन .
राम रहीम के तुम हो बंसज गंगा यमुना की धारा हो
सम्प्रदाय की पशुता का नही बन सके तुम चारा हो .
दे उदारता का हम परिचय आपस में समझौता कर लें.
कठिन नही कुछ भी होने को यधि अंदर से इच्छा कर लें
नेताओं को दूर ही रक्खो चाहे किसी पार्टी का हो
सांप का बंसज इसको समझो चाहे किसी पार्टी का हो .
यह विवाद अब मिट जायेगा होगा सुखद सवेरा सुन्दर.
राम रहीम का भेद मिटेगा आता स्वर्ण विचार है अन्दर.
शुभ कामनाए .
विष्णुकांत.
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