जब याद किसी की आती है
उस अतीत की सिहरन बन मन के अंदर छा जाती है .
जब कल रातों मे इस बिटिया की शादी के नेह निमंत्रण लिखता था
तब न जाने कब कहाँ से तुम सपनों में आ जाती हो
फिर से तुन नाम बताती हो किसे निमंत्रण देना है ..
त्रुतिओं में आकर तुम सुधर करवाती हो ..
कितने बह्ड़ोर कितना बयना और किया तयारी क्या ..
यह सब तुम पूछा करती हो
वह स्वर्ग से आकर भी मुझमे उर्जा भर जाती हो ..
जब याद किसी की आती है ..
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