तुम सहारा थी मेरी यह कहा ठा कभ्ही
बात यह कुछ समझ में न आई हमेयें ।
साथ मजधार मे छोड़ कुर तुम गयी
वादा यह भी समझ मे न आया हममें '
मेरे साथी बुल्लाओ हममे भी वहां
काम पूरा लिया केर बहुत kउच्च
शादी बेटी की bhi है sirf होनी अभी s
बेटे की भी है सिर्फ होनी अभी ।
mआय आकेला ना रूह सकूँगा एहन
हर पल हर चन में तुम हेर जहन्न मे हो तुम
आसमा मे हो तुम इस धरती पे भी तुम ।
माएं भी हू तुम और वह भी है तुम । ॥
4 comments:
कृपया थोड़ा शुद्ध लिखें, भाव बढ़िया हैं
galtiya jyada hai i think font converter sahi nahi hai apka.......anyway keep it up
हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
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