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Tuesday, December 13, 2011

AANNA HAJAREY SE DARRE YEH...


UNKO DEKHA INKO DEKHA SACHHAI SUN JHALLAYE HAIN,
              SURAJ PR THUKNEY KE KHATIR SAREY YEH MUH BAYE HAIN.
              KOI KAHTA UP MEY AAKR APNI AAUKAT DIKHAYE,
              KOI SABK SIKHANEY KO APNI LAATHI HAI TELIYAAYE.
              DEKHO YEH BAURAYE KUTTEY KITNI JOR SE BHAUK RAHEY ,
SAREY SAANP BILON MEN GHUSKR  APNEY FN  FUFKAAR RAHEY.               
JANTA JI SB JAAN RAHI HAI SACHHAI  SE YEH THRAAYEE,
SURAJ PR THOOK THOOK KR KHUD HI USKO CHHAT RAHEY HAIN.    

Tuesday, November 15, 2011


mudks ns[kk budks ns[kk lPpkbZ lqu >Yyk;s gSa
          lwjt ij Fkwdus ds [kkfrj lkjs ;g eqWg ck;s gSa ]
          dksbZ dgrk ;wih esa vkdj viuh  vkSdkr fn[kyk;s
          dksbZ lcd fl[kkus dks viuh ykBh rsfy;k;s gSa A
          ns[kks ;g ckSjk;s dqRrs fdruh tksj ls HkkSad jgs gS
          lkjs LkkWi foyks esa ?kqldj Qu QSyk;s QqQdkj jgs gS A
          turk th lc tku jgh gS lPpkbZ ls ;g FkjkZ;s ]
          lwjt Ijj Fkwd Fkwd dj [kqn gh mldks pkV jgs gSa A



aspandan

Friday, August 26, 2011

jan lok pal bil

आज क्रांति की इस बेला मे ए जन मन तुम मत सो जाना

 भ्रष्ट तन्त्र के आगे अब कोई भी मत झुक जाना

     आज अगर  तुम सो जाओगे
 
      कुछ भी नहीं बचा पाओगे

 आज यही बिनती करता हूँ  देश को फिर से तुमहे बचाना
.           आज क्रांति की इस बेला मे ए जन मन तुम मत सो जाना

jan lok pal bill only

ब्लोगेर मित्रों
                                   केवल और केवल जन लोक पाल बिल के समर्थन मे ही लिखो . यह मौका देश्प्रेमिओं
.  को समर्थन करने का.भ्र्ताचारियों को दण्डित करने के प्रयाशों का. कपिल,मानोश चिदम्बरम aisey  rahul केk
.     छद्म वादियों का  ख्द्यंत्र पूरा करने का.  

Thursday, July 14, 2011

aatank ke tarfdaar..

desh jinehey dekhta Tha aasha ki kiran jaisey vahi aaj batey aise bchkarni hai kr rahey


attank ko ek chotti baat bs kahney wale apney hi desh mey chal prpanch kr rahey

aatankiyo se bhi jyadaa hai khtrnak dust yeh insey sbhi ko dooor rahna hi chahiye

aaisey gaddoro ko to sammaj se hi door karo iska inney mulya to milna hi chahiye.


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Tuesday, June 7, 2011

KAHNA HOGA...

सुनने  को तो बहुत यहाँ है पर थोडा कहना होगा.
इन कोरी बातों से आगे सबको कुछ करना होगा..
अत्याचारी के आलोचक बन क्या सब कुछ हम पा लेंगे
दीन हीन बनकर केवल हम क्या भारत को बचा लेंगे
सत्य क्रांति के पथ पर चलकर निर्विकार हो बढे चलें
आस्तीन को रहो सम्भाले कहीं न इनमे सर्प पले.
हम तुम इनका भेद छोडिये आपस मे सब एक रहें
स्वतंत्रता का नवीकरण हो भ्रटाचार से दूर रहें
अत्याचार जो हम पर अपने ही गद्दार कर रहे
उन सारे ही गद्दारों KO   फिर से पाठ PADHANA होगा
इन पागल कुत्तो को देश निकला देना होगा



Sunday, June 5, 2011

pujya baba ramdev ji

पूज्य प्रबल संघर्ष करो तुम रास्ट्र तुम्हारे साथ है .
कट जायेंगे सारे जन से अत्याचार के हाँथ है .
उनको पता नहीं है अब तक सत्य सदा विजयी होता है
झूठ मूठ के दिग्गी कुत्तों को आखिर रोना पड़ता है
जय प्रकश की समग्र क्रांति तब उनको था धो डाला
अब मनमोहन की बारी है जिसने यह सब कुछ कर डाला

Wednesday, April 20, 2011

anna hajarey....

ओ भारत के पुत्र शिरोमणि
निर्धन के तुम एक सहारे
भ्रष्टाचार पंक को जिसने
किया एक डीएम एक  किनारे
अनुपम आज के गाँधी तुम हो
अन्ना श्री हजारे !
दिग्गी अमर भ्रष्ट  नेता जी
डर  कर करें प्रलाप
अडवाणी हो या कंग्रेशी
सपा और बसपा हो चाहे
सब को सूंघा  सांप
बाबा रामदेव की महिमा
और हजारे साथ
दोनों ही इस देश के
बने अंनाथ के नाथ.

आओ हम सब हजारे को हजरून गुना बननाए...हम सब हजारे बन जाएँ..
जय  भारत.



Monday, April 4, 2011

badhi naye vars ke..

मंगलमय हो नव संवत्सर
मंगलमय यह  विजय दिवस हो
मंगलमय सब आशाये हो
करे पलायन अशुभ यहाँ से
जाने को सब पाप विवश हो
भ्रस्ताचार  का निर्मूलन हो
सत्ता का आदर्श शिखर हो
अनाचार का उन्मूलन हो
मंगलमय हो नव संवत्सर

मंगलमय यह विजय दिवस हो  .
सभी ब्लोग्ग प्रेमियों तथा इस देश की जनता को नए वर्ष की शुभकामनायें ,
विष्णु


Friday, April 1, 2011

kranti kranti...

अभी कल की बात है ------
मै उसे देख रहा था घसीटी जाती हुई ..
वह कोई और नहीं थी
वह थी वीरांगना रानी लक्छमीबाई-----
जिसे सीरिअल मे देखकर ,
आंखे भर आयीं .
वह अकेली नही
क्रांतिकारियों की लम्बी कतार है .
जिसने हमको दी बहार ही बहार है.
और हम ?
उनको दे रहे हैं घोटाले घोटाले...
स्रधांजलि में .
स्पक्ट्र्म . हसन अली  .मुंबई के आवास....
यही है हमारी स्वत्रता का उपहास .


Tuesday, March 29, 2011

Bharat pak muqabla

जरा जम के लगाना छक्का तुम
वह दिल के बहुत कमजोर हैं
जीत का आलम हिन्दुस्ता में
हवा बहुत  पुर् जोर है
देश मे शांति कायम रखो
कोई चुभन किसी को न हो
कोई जीते कोई हरे
क्रिकेट सदा विजयी हो..

मंगलकामनाये आपकी और हमारी ==



Tuesday, March 1, 2011

bahut dino ke baad.

आज उसे बहुत दिनों के बाद
आखों में बसाया है
कल तक वह सपनों में आती थी
आज उसे फिर अपने करीब बुलाया है.
कभी उससे कहा था ------
 तुमसे दूर चली जाउंगी
पास नहीं आउंगी .....
तुम्हारी नींदों को उड़ाऊँगी
तुम्हारे लिए रेगिस्तानी प्यास बन जाउंगी.
तुम्हे जी भर के सताउंगी-----
पर वह तो उसका नाटक था
इस धरती से जाने के बाद भी
वह अप्सरों सी स्वर्ग से उतर आती है.
उसकी यही अदा
मेरे अत्तीत की याद
भरपूर दिलाती है.------
बहुत दिनों के बाद.




Sunday, February 13, 2011

vigat dinon ..

मनमोहन जी या श्री कृष्णा
दोनों ही अनुपम हैं या कहे कि दोनों अतिभ्रम हैं.
एक कथित इमानदार और दूजे हैं प्रिय उनके.
एक को है कुछ नही पता  निज मंत्रीगन के कदाचार
दूजे को यू ० यन० में भासन लगता दूजे का सदाचार.
वाह वाह भारत सरकार !

Thursday, February 10, 2011

aaj praaye lgte hain..

अपने अपने बीते वे कल आज   पराये  से  लगते हैं.,
कभी हकीकत के  किस्से ,बनकर सपने मे दिखते हैं .
उस पल को अब कहाँ भुलाये
जो खुद आज भुला बैठा है
वह निर्मोही याद आ रहा
सोकर जिसे जगा  बैठा है .
फल  उस पहले  तरुवर  के बहुत हमारे से लगते हैं,
कभी हकीकत के  किस्से, बनकर सपने मे  दिखते हैं
आओ थोडा सोते सोते
अब फिर से हम जग जाएँ
गत फिर से आगत होते
आओ उनको पास बुलाएँ
जो  कुछ भी  कह न पाए आज सुनाने वह लगते हैं
कभी हकीकत के किस्से, बनकर सपने मे  दिखते हैं .




Tuesday, February 8, 2011

uttar pradesh ki ..................... ji badhai aise nisthurta ke liye.

कल टीवी पर देख रहे थे.
मुख्यमंत्री  यानि .
सच्ची जन सेविका
प्रदेश कि पोषिका
का निष्ठुर मन तौल रहे थे...
वह अपने बाप के मरने वालों को
सजा दिलाने के लिए चिल्ला रही थी
उनको जोर जोर से अपनी बात सुना रही थी.
उनकी सिक्यूरिटी उसे बार बार धकिया रही थी
मुख्यमंत्री जी अंदर से मुस्कुरा रही थी ..
वह क्या जाने किसी कि बेदना.
उनकी सुख चुकी है संवेदना.

Thursday, February 3, 2011

aao kuch apni bhi kah doon

आओ कुछ अपनी भी कह दूँ ----
आज मैने  सोचा
उनको भ्रष्ट कैसे कहूं ----
मै भी तो देर से कार्यालय आता हूँ..
जब भी कोई बिल पास होता है तो
तयशुदा कमीसन मै भी तो लेता हूँ
अभी कल उसके म्रतक आश्रित दावे का
 निपटान होना था
उसे बुलाया गया था
उसके आर्थिक विपदावों से छुडाया गया था .
जब उसने कुछ शुकराना देना चाहा
तो मेरी  आत्मा ने मुझे धिक्कारा
प्यार से पुचकारा.------
कुछ ले लेने के लिए दुलराया
किन्तु
जब हम उन्नेहे भ्रष्ट कहते हैं
तो हम अपने भी दिल में झाकते हैं
इसीलिए हम सदैव भ्रष्ट आचरण से दूर भागते हैं.
आइये आप भी ऐसा ही कुछ कीजिये
भ्रस्ताचार को  नेस्तनाबूद   कीजिये


 

Friday, January 28, 2011

kb tk vilaap karenge

रास्ट्र मे ब्याप्त भ्रस्टाचार को हम केवल अपने ड्राइंग रूम मे कोसकर दूर नहीं कर सकते . इसके लिए हमे आगे आना होगा . हम अपने गैस सिलेंडर  ब्लेक में लेकर भ्रस्ताचार  को कोसेंगे ? बिजली के मीटर को बंद करके या कम करवाकर, ट्राफिक नियमों को तोडकर , सरकारी दफ्तर के वाहन से पारिवारिक य निजी प्रयोग को करके,रेल यात्रा बिना     टिकट करके , गाँव में बुधिया कि मजदूरी मारकर ,घरेलू नौकर कि तनखाह काटकर हम भ्रस्टाचार को कोसने का हक नहीं रखते हैं.
कम से कम हम इतना संकल्प लें सकते हैं कि हम आज से ऊपर लिखे कोई  कुक्र्त्य नहीं करेगे.   
jaihind

Tuesday, January 25, 2011

26 JAN 2011

पुलकित मन से अभिनंदन है
रोम रोम में अब क्रन्दन है
जन गन मन सारे विस्मित हैं
सापों के फन पर चन्दन है.
लाल  चौक  पर फहर न पाए
सबके प्यारे ध्वजा तिरंगे !
आतंकी क्या विजित रहेंगे
बतलाऊ तुम मुझे TIRNGEY

Monday, January 24, 2011

jhada uuncha rahe hamara....

झंडा ऊंचा रहे हमारा
लगता कितना सुंदर नारा .
लाल चौक पर फहर न पाए
शासन का आदेश ये प्यारा
भारत का सौभाग्य निराला
करें शिखंडी वारा न्यारा .......
जिनके हाँथ देश कि नैया
जन गन का जो बना खेवैया
आतंकित का नही सहारा
झंडा ऊचा रहे हमारा ....
जेके भी भारत क अंग है
यह सुनकर मन बहुत दंग है
झंडा वहां  फहर न पाए
जन गन भी ठहर न पाए
बात देश कि कर न पाए..
गणतंत्र देश का कह कब पाए
यह अब हम को नहीं गवारा
वाही कहेंगे हम जाकर
झंडा ऊंचा रहे हमारा......

Sunday, January 23, 2011

bigbadda

आज पढ़ा जब बिग बी अड्डा
दिखा नया कुछ उसमे फंडा
दर्द दिखा दर्दीले मन से
बच्चन जी का होगा मंगल
घोर उपेछा आभावों बिच
कुश होंगे थोडा हंगल

Tuesday, January 18, 2011

mere blogger ki rachnaon pr pratikriya bina udas mn ..

प्रेम लिखा मनुहार लिखा  अरु ब्याप्त  अनीति पे वार किया ,
प्रीति कि रीति के   दर्द भरी शब्दों कि परिधि को पार किया ,
कुछ भी तो कहो मेरे साथी  गणों इस पन्ने पे अपनी राइ लिको
ब्लॉगर के हितैषी पाठकों से अनुरोध ये बारम्बार किया.
अरुणेश जो ब्लॉगर के हैं धनी अनुकम्पा कभी कभी  करते रहे .
भाव की गाड़ी रुकी जो कभी हवा उसमे सदा ही भरते रहे.
ब्लॉगर की बिरादरी के वाहक उनसे ही हमे अस्थान मिला
अब बाट निहारूं उनकी यहाँ प्रभु से यही बिनती करते रहे.
कुछ और भी ब्लॉगर बन्धु करे अनुशरण हमारा आज यहाँ
उनकी सदाशयता की उर्जा इस लोक हितों को समर्पित हो
अनुकम्पा मिले  स्पंदन को मन भाव ह्रदय का प्रफुल्लित हो .

Monday, January 10, 2011

aawahn

कवि ! लिखो कदाचित कुछ ऐसा -----
मन जिससे हर्षित हो  जाये .
वाणी बने प्रेरणा सबकी ,
जन गन मन पुलकित हो जाये .
"धनिया"की पीड़ा भी दूर हो ,
होरी सब का मन बसिया हो .
बसुधैव कुटुम्बकम की  धरती '
मानव मन की शुचि बगिया हो .
नैतिकता संकल्प बने
पथ भ्रष्ट निराश्रित हो जाये
साहित्य भरे जन मांस में
सरोकार सब मिल जाएँ ...

यह कविता नहीं है यह मेरा सभी साहित्यकारों ब्लॉगर लिखने वालों से अनुरोध है... हम सभी को आज के भ्रस्ताचार के बिरुद्ध खड़े हो जाना चाहिए. जय हिंद.

shahity banam samaj

ब्यथा प्रस्फुटित जब होती है
वाणी में बहकर झरती है .
पीर स्वयम की हो या पराई ,
जब शब्दों में कुछ कहती है .
निर्झर प्रवाह कविता बनकर ,
चट्टानों से तब लडती है.
"मैं" बनकर जब "हम" होता है ,
बात तुम्हारी तब कहती है..