jo bhi kuch likhta hoon ' ushey samarpit karta hoon. apna bhi mantabya likhen kuch yehi prarthna karta hoon.
Friday, January 18, 2013
चलूँ निरंतर मिलूँ सभी से, यह मेरी अभिलाषा है .
मानवता की नित सेवा में, साथ मिले यह आशा है।
स्वयम कर सकूं यदि कुछ सेवा वंचित और अपंगो की,
तो मेरे इस मानव तन की पूर्ण बने परिभाषा है .।
आओ कुछ आहुतियाँ डालो विकलांगों के साथी बन ,
'विकलांग साथी" ट्रस्ट हमारा यही प्रार्थना करता है ।
नहीं चाहिए अर्थ हमे कुछ ,भावों से सहयोग करो,
विकलांगो को दिशा दीजिये यही याचना करता है ।
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