माली जब पौध लगाता है अन्त्श्मन सुख वह पाता है
जब पौध को कोई नस्ट करे तब उसके मन पर क्या होगा..
उस किशान की पीड़ा को कैसे कोई सह पाता है
भवन बने उन खेतों पर तब उसके मन पर क्या होगा.
बुनकर के ताने बाने में जब कोई आग लगाएगा
फकरुद्दीन जुलाहे के घर में कोहराम मचा होगा .
इन तीनो क्रांति जनों को जब यह तमस घिरा घर दिखता है
तब भारत जन गन मन का यह कैसे झंडा लहराएगा .
1 comment:
nahi lahra payega bharat ka tiranga jab tak inme se koi bhi pareshan rahega..धारा ४९८-क भा. द. विधान 'एक विश्लेषण ' sundar prastuti.
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