Please be follower

SWAGATM ,SWAGTM AAPKA SHUBH SWAGTM



Pages

Monday, May 24, 2010

एक गीत .

भाव दीप को आज जलाकर तम समेट लूं तेरे मन का ,
सूर्य रश्मियाँ जहाँ न पहुचें ज्योतिर्मय कर दूं उस तन का ।
यह श्रंगार नहीं कहता है तेरा मैं स्पर्स करूँ,
कहती पवन किन्तु CHALKARKE THODA MAYN UTKARS BHAROON.

No comments: