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Monday, April 26, 2010

उनके नाम .

तुम सहारा थी मेरी यह कहा ठा कभ्ही
बात यह कुछ समझ में न आई हमेयें ।
साथ मजधार मे छोड़ कुर तुम गयी
वादा यह भी समझ मे न आया हममें '
मेरे साथी बुल्लाओ हममे भी वहां
काम पूरा लिया केर बहुत kउच्च
शादी बेटी की bhi है sirf होनी अभी s
बेटे की भी है सिर्फ होनी अभी ।
mआय आकेला ना रूह सकूँगा एहन
हर पल हर चन में तुम हेर जहन्न मे हो तुम
आसमा मे हो तुम इस धरती पे भी तुम ।
माएं भी हू तुम और वह भी है तुम । ॥

4 comments:

Unknown said...

कृपया थोड़ा शुद्ध लिखें, भाव बढ़िया हैं

Guman singh said...

galtiya jyada hai i think font converter sahi nahi hai apka.......anyway keep it up

अजय कुमार said...

हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें

Nishu said...
This comment has been removed by the author.